सोने के दाम में भारी गिरावट! 2025 का सबसे सस्ता सोना ?
धातु की दरें रिकॉर्ड ऊंचाई से 6,800 प्रति 10 ग्राम (7%) गिरीं; क्या यह सिर्फ राहत है या और सुधार की संभावना है?
रविवार, 18 मई, 2025 तक 10 ग्राम सोने की कीमत रिकॉर्ड उच्च स्तर से ₹6,799 कम होकर 92,301 पर आ गई थी। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, पीली धातु ने 21 अप्रैल, 2025 को ₹99,100 प्रति 10 ग्राम का सर्वकालिक उच्च स्तर बनाया था।
जो उपभोक्ता या निवेशक किनारे पर बैठे हैं और कीमती धातु का एक हिस्सा खरीदना चाहते हैं, क्या उन्हें अभी इसमें निवेश करना चाहिए या और गिरावट का इंतजार करना चाहिए? आइए देखें कि विशेषज्ञ क्या कहते हैं!
मौलिक दृष्टिकोण:
निवेश मंच मीरा मनी के सह-संस्थापक आनंद के राठी को उम्मीद है कि निम्नलिखित सहायक कारकों के आधार पर सोना अपनी ऊपर की ओर गति फिर से शुरू करेगा:
1. उच्च मुद्रास्फीति
राठी के अनुसार, वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का स्तर हाल ही में नीचे आया है। अमेरिका में मुद्रास्फीति अब 2.3% पर है - जो 4 वर्षों में सबसे कम है।
जबकि, भारत की मूल्य वृद्धि दर अप्रैल 2025 में लगभग 6 वर्ष के निचले स्तर 3.16% पर आ गयी।
लेकिन, मुद्रास्फीति में किसी भी वृद्धि से पीली धातु की कीमतों में तेजी आएगी, क्योंकि लोग सुरक्षित निवेश के कारण सोने में निवेश करना पसंद करेंगे।
2. भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि
यद्यपि, भू-राजनीतिक तनाव कम हो गया है, चाहे वह भारत-पाकिस्तान संघर्ष हो या यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, लेकिन, ऐसे मामलों के बिगड़ने पर लोग सोने का भंडार जमा कर सकते हैं, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
3. केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी
भारत समेत कई विकासशील देशों के केंद्रीय बैंकों ने कोविड-19 के बाद से ही सोने का भंडार जमा करना जारी रखा है। राठी के अनुसार, संस्थागत खरीद में यह लगातार वृद्धि सोने की कीमतों को बुनियादी, संरचनात्मक समर्थन प्रदान करती रहेगी। इससे पीली धातु की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।
तकनीकी दृश्य:
वेल्थ मैनेजमेंट फर्म एमराल्ड इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक रिद्धेश दलवी का कहना है कि उन्हें कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल दिख रहा है, हालांकि यह एक निश्चित स्तर तक ही सीमित रहेगा।
सोने की कीमतों में कितनी वृद्धि सीमित है?
दलवी कहते हैं,
सोने की कीमतों में किसी भी तेजी पर पहला प्रतिरोध 94,100-94,200 के स्तर पर होता है, जिसके बाद दूसरा प्रतिरोध 95,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर होता है।
कमोडिटी विशेषज्ञ के अनुसार, यदि सोना 93,500-94,000 रुपये से ऊपर निकलता है, तो 95,000-96,000 रुपये तक तेजी आएगी।
लेकिन दलवी यह कहने से पीछे नहीं हटते कि यह बहुमूल्य धातु शायद 96,000 रुपये के स्तर पर टिक न सके।
सुधार होने पर सोने की कीमत कितनी गिर सकती है?
सर्राफा विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सोना 94,000 के स्तर को पार करने में असफल रहता है, तो अगले सप्ताह यह 91,000-92,000 के स्तर तक गिर सकता है।
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